Friday, 1 July 2016

kho-kho talab


राजधानी रायपुर के ऐतिहासिक तालाबों में से एक 500 साला पुराना खो-खो तालाब सरकारी लचर की मार झेल रही है। यह तालाब पुरातात्विक के िहसाब से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यहां तीन ओर से पत्थर वाले घाट बने हुए है। तालाब में 500 साल पुराना पत्थर से बनो गोल नुमा घाट हैं जो आज भी मौजूद हैं पर स्थित बहुत ही खराब है। वर्तमान में सात घाट की मौजूदगी की सबूत मिलते है पर उसमें से दो ही सही सलामत बचे हुए है। बाकी बचे पांच घात में से दो अंतिम दौर पर है और तीन की स्थिति न के बराबर है। रायपुर के राजा बरियार सिंह के काल में दीवान रहे रामचंद्र कोका ने इस तालाब का निर्माण करवाया था। खो-खो तालाब का नाम पहले कोका तालाब हुआ करता था।

kho-kho talab



खो-खो तालाब



Monday, 20 June 2016

नागरीदास मंदिर रायपुर



नागरी दास मंदिर रायपुर


खो-खो पारा स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर


खारून के पास


खारून के पास प्रगति विहार के सामने सड़क किनारे यह खतरनाक नाराज देखने को मिल रहा है। सड़क से लगभग 500 मीटर दूरी पर मकान बने हुए है। जिस पर बिजली की कनेक्शन कुछ इस तरह से किया गया है। बासों के सहारे ट्रासफार्मर से घरों तक बिजली पहुंचाई गई है। अब आंधी , बारिश का समय आ गया है। इस पर कभी भी दुर्घटना हो सकती है।